हिंदी बाल गीतों में राष्ट्रीयता

  • डॉ. मधुबाला शर्मा

Abstract

बाल गीतों में संस्कार प्रदान करने की अद्भूत क्षमता होती है। बाल जिज्ञासा ही ज्ञान ग्रहण की दक्षता बढा़ती है।’ बाल साहित्य बच्चों के उन अंकुरों को पुष्ट करता है, जो बड़े होकर उन्हें जीवन के सत्य पहचानने में सहायता करते हैं। ......बच्चां के लिए अब सदैव कल्पनालोक मंे ही विचरण करना आवश्यक नहीं रह गया है। उन्हंे यथार्थ के धरातल पर लाकर जीवन के सत्य और मूल्यांे को पहचानने योग्य बनाने का भी प्रयत्न किया जाने लगा है।......। भारतीय और पाश्चात्य - बाल साहित्य रचना में एक समान तत्व यह भी है कि सरल भाषा में बड़ों द्वारा कुछ भी लिखा गया साहित्य, बाल साहित्य नहीं हो सकता। एक बड़े लेखक के लिए यह कुछ कठिन कार्य हो जाता है बच्चों की सी मनोवृत्ति और रूचि का अनुभव करे और तब बाल साहित्य लिखे।

Published
2020-07-13