हिन्दी उपन्यासों में ग्रामीण जीवन की पृष्ठभूमि और वर्तमान की स्थितिः एक विष्लेषण

  • डॉ0 राधाकृष्ण दीक्षित

Abstract

ऐसा माना जाता है कि आधुनिक मानव सभ्यता का इतिहास गॉवों से आरम्भ होता है। आदिकाल से ही मनुष्य छोटे-छोटे समूहों में रहता था-इन्हीं समुदायों ने जब पारिवारिक कल्पना को साकार किया और परिवार जब समुदायों में परिवर्तित हुए तब आवासीय दृष्टि से गॉवों का जन्म हुआ। ग्राम शब्द सें ही ’ग्रामीण’ शब्द बना है। ’ग्रामीण’ का अर्थ हैं। ग्राम से सम्बन्धित। ग्रामीण शब्द के लिए अंग्रेजी में त्नतंस का प्रयोग होता है। यदि हम समाजशास्त्रीय दृष्टि से मूल्यांकन करें तो गाँव वह समूहों की प्रधानता, जनसंख्या के कम घनत्व और मुख्य व्यवसाय के रूप में कृषि की विशेषताओं से युक्त होता है।“

Published
2021-07-15