मानवतावादी चेतना के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी के महाकवि जयशंकर प्रसाद और मलयालम के महाकवि कुमारनाशान के काव्यों का शास्त्रीय अध्ययन |

  • डॉ. जार्ज जोसफ

Abstract

स्वच्छन्दतावाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में मानवतावाद का प्रधान स्थान हैं | स्वच्छन्दतावाद की धार्मिक चेतना का मूलाधार यही मानवतावाद है | मानवतावाद वह विचारधारा है जिसके अनुसार मानव का प्रमाण मानव ही है | मानव की महत्ता और गुरुता में विश्वास मानवतावादी प्रवृत्ति की प्रमुख विशेषताएँ हैं | मानव को मानव के रूप में प्रतिष्ठा पाने केलिए स्वच्छन्दतावादी कवि निरंतर प्रयत्न करते रहे | इस कार्य में आधुनिक हिन्दी साहित्य  के महाकवि जयशंकर प्रसाद और आधुनिक मलयालम साहित्य के महाकवि कुमारनाशान के कार्य काफी सराहनीय हैं | यानी जयशंकर प्रसाद और कुमारनाशान दोनों उनकी साहित्य सृष्टि में मानवतावादी कवि रहे |

Published
2021-07-02