ष्युद्धष् कहानी में अभिव्यक्त मुस्लिम मानस
Abstract
रामचन्द्र शुक्ल का कथन है दृ श्जबकि प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चितवृत्ति का संचित प्रतिबिंब होता है ।श् फिर क्या कारण है कि हिन्दी साहित्य में मुस्लिम चेतना को किनारे करके देखा गयाघ् मुस्लिम लेखकों द्वारा लिखे गए साहित्यए मुस्लिम समुदाय की चेतना को हिन्दी साहित्य के शीर्ष आलोचकों ने अपनी आलोचना के केंद्र में क्यों नही रखाघ्
हिन्दू हो या मुसलमान दोनों धर्मों का हिन्दी साहित्य एसंस्कृति में अमिट योगदान है। अगर सम्पूर्ण भारत को जानना है तो एक धर्म को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सत्ता की राजनीति और स्वार्थपरता के कारण दोनों धर्मों में निरंतर अलगाव उत्पन्न करने के प्रयास किए जा रहे हैं बिना यह सोचे समझे कि इससे आम जन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।