चित्रा मुद्गल के उपन्यास ‘एक जमीन अपनी’ का संवेदनीय महत्व

  • डॉ. अभिलाषा शुक्ला

Abstract

चित्रा मुद्गल जी आधुनिक युग की परिवर्तित नवचेतना की प्रतिनिधि रचनाकार हैं। विषयवस्तु की दृष्टि से उनकी सृजन-धर्मिता विस्तृत और विविधता से संयुक्त है। समकालीन जीवन के सभी सम-विषय पक्ष उनकी रचनाओं में समाविष्ट हैं। आस्था, आक्रोश, आत्मालोचन, प्रेमानुभूति, सामाजिक चिन्तन, विसंगतिबोध, सन्त्रास, तार्किक मानवीय दृष्टि, नागर बोध, आंचलिकता, शोक-सन्ताप, हर्ष-विषाद, जैसे सभी विषयों में उन्हांने श्रेष्ठ रचनाएॅं प्रस्तुत की हैं। बाल-संवेदनाओं, युवा आक्रोश, वृद्ध समस्याओं, स्त्री-पुरुष मानसिकता से लेकर सामाजिक, आर्थिक परिदृश्य, फिल्मी ग्लैमर, विज्ञापन जगत और मजदूर यूनियन संघों तक की वस्तु स्थियितों को उन्हांने अपने साहित्य में बखूबी समेकित किया है।

Published
2020-04-23