रमेश चन्द्र शाह की डायरी एवं संस्मरण का आलोचनात्मक अध्ययन

  • कृपा शंकर

Abstract

‘लाइफ’ और ‘आर्ट’ के अंतस्संबंध का खुलासा पूरी तरह ‘आर्ट’ से ही नहीं हो सकता और नहीं हो जाना चाहिए क्या? पर क्या एक पूरक टीका की तरह आत्मकथा भी जरूरी नहीं- कम से कम ऐसी असामान्य जीवनी को देखते हुए? फिल्म में लियोन ट्रॉटस्की की भूमिका। एक और पेच। मगर किस कदर त्रासद और विडंबनापूर्ण- अपनी दुर्निवाय्रता में!’’1 और, और आइडियोलॉजी? विकलांगता की क्षतिपूर्ति? या कि ‘फुलफिलमेंट’ की प्यास?

Published
2020-04-14