खेल खेल में

  • इप्शिता सेनगुप्ता

Abstract

बड़े दाव खेले हैं हमने ज़िन्दगी के खेल में
जीता है लम्हा पल दो पल का,
मगर बहुत कुछ खोया है, हमने खेल ही खेल में |  
Published
2015-08-18