तू ऐसा करना प्यार

  • सुमित शर्मा

Abstract

बेकरारी में भी आये करार 
तू ऐसा करना प्यार 
दुश्मनों में भी मिले यार 
सावन लगे हर पतझड़ 
तू ऐसे प्यार करना 
रेगिस्तान में भी बहे सागर 
गम के मौसम में आये बहार 
तू ऐसे प्यार करना 
आँखें न नाम हो एक बार 
हो जीवन में प्यार ही प्यार

Published
2017-07-12