अहमदाबाद एटले अहमदाबाद

  • सूरज प्रकाश

Abstract

स्टेशन से बाहर निकलते ही आपकी आँखें किरासिन की तीखी गंध से जलने लगें, सांस भारी होने लगे, और आपको पता चले कि आप जिस ऑटो पर सवार है, वह किरासिन से ही चलता है, आप देखें कि ऑटो ड्राइवर चौराहे पर हरी, लाल या किसी भी बत्ती का इंतज़ार किये बिना और भीड़ में अपना ऑटो निकाल सकने लायक जगह पाये बिना और अगर रात का वक्त हो तो बिना हैड और टेल लाइट के अंधाधुंध गाड़ी भगाने लगे, दाएँ बाएँ मुड़ने के लिए वह झट से उस दिशा में अपना पैर निकाल कर अचानक ही मुड़ने का इशारा कर दे, अगर शहर की मुख्य सड़क पर भयंकर भीड़ की वजह से एक कि.मी. की दूरी तय करने में ही आपको एक घंटा लग जाये और इस बीच उस सड़क पर आप भारत की सड़कों पर आम तौर पर पाये जाने वाले, चल सकने और न चल सकने वाले सभी मशीनी और गैर मशीनी, हर तरह के वाहनों के दर्शन कर लें और लगे हाथ आप शिवजी के साक्षात वाहन नंदी जी को भी, किसी भी सड़क पर ट्रैफ़िक आयलैंड का निर्माण करके बैठे हुए ट्रैफ़िक नियंत्रण करते देखें, अगर आप वहीं और तभी औरतों को ठेला खींचते और ठेले पर आराम से बैठे उसके मरद को देखें, अगर आप उस शहर में रात को एक बजे भी पहुँचें और आप देखें कि उस वक्त भी तेजी से काइनैटिक होंडा उड़ाती कोई अकेली लड़की तेज़ी से आपके आगे से चली जा रही है, और अगर
Published
2018-07-10