आनंद का समंदर

  • रंजना सोनी

Abstract

किसी सुरमयी शाम में घंटाघर की गूंजती हुई स्वरलहरियों के संगीतमय सान्निध्य और ऊँचे चित्ताकर्षी निदारोस चर्च के सुस्पष्ट दिखाई देते पवित्र क्रॉस, साथ ही शांत बहती निदेलवा के जल में पड़ती उसकी परछाईं के बीच गाँवनुमा ट्रांधाईम में आप कहीं भी अपनी सुध-बुध खो सकते हैं। हल्की हिलकोरे लेती हुई नदियाँ, हरी-भरी घाटियाँ, हरे घास के मैदानों में बिछे पुष्पों के गलीचे, शांत द्वीपों के समूह, स्वर्णमयी अनाजों के मैदान, सच्चे दिल इंसान, समुद्री फिर्योद का मनमोहक दृश्य और हिमकणों से आच्छादित धरती के उज्ज्वल-धवल रूप के बीच बसा यह शहर किसी स्वर्गलोक में होने का अहसास कराता हुआ आपको आनंद के समंदर में डुबकी लगाने को विवश कर देगा। नार्वे की पहली राजधानी होने के गौरव से अभिभूत सपनों जैसे ट्रांधाईम नगर का आकर्षण कुछ ऐसा ही है।

Published
2018-07-21